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“बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।” Dr Bhimrao Ambedkar

Nastik

मैं नास्तिक क्यों हूं 2024 में

 Introduction – क्या किसी ने सुना है की नास्तिक ने किसी धार्मिक (आस्तिक) इंसान को इस लिए मार दिया क्योंकि वो धार्मिक (आस्तिक) है?

क्या किसी धार्मिक इंसान की ही भावनाए होती है और नास्तिको की कोई भावनाए नही होती?

क्या भारत या दुनिया में किसी प्रकार की नास्तिको की पहचान रही है इतिहास मे?
 
मेरा मानना है की नास्तिक होना एक इंसानियत में विश्वास रखने वाली सोच और समझ होती है जिसको एक अलग दर्शन में रखा जाना चाहिए।
 
इन सवालों के जवाब ढूंढने से उत्तर मिलता है की नास्तिक ईश्वर के उस रूप को नही मानते जिसे धरती पर बेचा जाता रहा है, जिसके कारण दुनिया में शांति तो नही मगर अलग अलग प्रकार की हिंसाय देखने को मिलती आ रही है।
 
अगर ईश्वर होता तो या वही ईश्वर होता जैसा हमें आज तक दिखाया गया है तो क्यू उस धर्म में इतनी हिंसा नफरत देखने को मिलती है? अगर ईश्वर होता तो क्या ये बकवास है की हम सबके पूर्वज होमो सेपियंस रहे है जैसा की हमे विज्ञान तर्क और सबूतों से बताता है?
 
ईश्वर को मानना चाहिए या नहीं सबका अपना विश्वास हो सकता है पर क्या उसके नाम पर हमे दूसरो को मार देना चाहिए?
क्या उसके नाम पर राजनीति करनी चाहिए?
 
इन सभी सवालों ने मुझे अंदर तक से झकझोर कर रख दिया और मेरे अंदर के विवेक ने तर्को का सहारा लेने को मजबूर किया की इन सब सवालों के जवाब मैं दू, समझाऊं की मैं नास्तिक हू अगर तो किस प्रकार का नास्तिक हू और क्यू हू 2024 में।
 

यह मेरा स्वाभाविक रुचि और सोचने का तरीका है, जिससे मैं अपनी जीवनशैली को समझता हूँ और अपने मानवीय मूल्यों को महत्व देता हूँ।

मुझे ईश्वर से दूर ले जाने वाले कई सवालों में से कुछ ये है।
मैं सभी प्रश्नों का उत्तर खोजने का प्रयास करूंगा, इस कड़ी में ये सिर्फ एक परिचय है
 
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