Top Youtubers video इस मुद्दे पर!
बीजेपी आरएसएस के कई नेताओं के भाषणों में एक अलग तरह की भोखलाहट, बेचैनी, और परेशानी झलक रही है जैसे ही पहले और दूसरे चरण के मतदान खत्म हुए। तीसरे चरण के अंत तक मोदी लड़खड़ाने लगे हिचकिचाने लगे, और उलजलूल बाते भाषणों करते नजर आ रहे है।
पहले उन्होंने कांग्रेस के न्याय पत्र (मैनिफेस्टो) को मुस्लिम लीग के मैनिफेस्टो से तुलना की और ये दाव उनको उल्टा पड़ता नजर आया जब लोगो ने कांग्रेस के मैनिफेस्टो को पढ़ना शुरू किया तो। लोगो को पता चलने लगा की मोदी जी तो झूठ पर झूठ बोले जा रहे है लोगो ने पड़ी संख्या में कांग्रेस का मैनिफेस्टो डाउनलैड किया बल्कि उसपर गोदी मीडिया में चर्चा भी शुरू हुई, वही गोदी मीडिया के तमाम एंकर्स को इस बात पर मोदी जी को डिफेंड करना मुश्किल हो गया। उन्होंने इतना ही नहीं कहा था बल्कि ये तक कहा की कांग्रेस अगर जीती तो महिलाओं के मंगल सूत्र छीन कर मुस्लिमो को दे दिए जायेंगे।
इस तरह के भाषणों से उनकी साख खराब हुई लोगो ने कहना शुरू किया की ये प्रधानमंत्री का पद है कोई सड़क छाप का नही को कुछ भी उलजलूल बाते करेंगे वो। इस बीच बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं ने अयोध्या और कर्नाटक में भाषण देते हुए कहा की हम संविधान बदलना चाहते है हमे इस बार 400 सीटे इस लिए चाहिए।
ये बात इतनी तेज़ी से समाज में फैली की एससी/एसटी/ओबीसी को एक संदेश गया की बीजेपी आरक्षण खत्म करना चाहती है। ये बात समाज में जंगल की आग की तरह फैली और एससी/एसटी/ओबीसी ये चर्चा करते हुए पाए जाने लगे क्या बीजेपी सच में संविधान खत्म करेगी अगर वो जीती तो।
नतीजा मोदी और शाह को सफाई देनी पड़ी की वो ऐसा कुछ नही करने जा रहे ऐसा करना होता तो वो 10 साल में कर चुके होते।
ये बात किसी आम इंसान को हजम हो सकती है पर संविधान पर अपनी समाज रखने वाले तमाम पत्रकारों ने इसका जिक्र किया की पिछले 10 सालो में ऐसा कर पाना नामुमकिन था क्योंकि बीजेपी का राज्य सभा में बहुमत नहीं है उन्हे दोनो सड़को में बहुमत चाहिए होगा।
पर क्या ये कहना गलत होगा की बीजेपी संविधान खत्म नही करना चाहती? बिलकुल गलत हो सकता है क्योंकि बीजेपी आरएसएस द्वारा चलती है जो एक ऐसा अतिवादी, सांप्रदायिक छवि वाला संगठन है जिसके एक कार्यकर्ता ने गांधी जी की हत्या की थी और जिसको सरदार पटेल ने बैन किया था। इस संघठन के एक नही कई सारे ऐसे उदाहरण मौजूद है जिनमे उन्होंने संविधान बदलने की बात की थी।
तो क्या संविधान वाकई में बीजेपी बदलने जा रही है? अभी ऐसा कहना मुश्किल है पर वो जिस तरह से एक विपक्ष मुक्त इलेक्शन चाहती है और एक पार्टी सिस्टम की तरह कार्य कर रही है विपक्ष के कई बड़े नेताओं को उसने जेलो में डाला, कई नेताओं को खरीदा कई, विपक्ष की पार्टियां तोड़ी, जो नही माने इनको बंदूक की नोक पर डरा कर नामांकन वापिस करवाए इसी इलेक्शन में गांधी नगर गुजरात में उससे लगता है की बीजेपी ऐसा कर सकती है अगर वो जीती तो।
उन्हे अपनी हार का एहसास होने लगा जब एससी/एसटी/ओबीसी समाज उनसे दूर जाने लगे उन्होंने एक और अजीब बयान दिया और कहा की विपक्ष की कोई साठ गांठ अडानी और अंबानी से हो गई है, विपक्ष क्योंकि इनपर कोई बड़ी बात नही कर रहा इनको गालियां नही दे रहा, ये बात जनता को हजम नही होने वाली थी क्योंकि उन्होंने ये तक कह दिया की टेंपो भर भर कर विपक्ष को पैसा दिया है, जबकि उनके हाथ में CBI और ED जैसी संस्थाएं है।
राहुल गांधी ने कहा कहा अगर हमे पैसा दिया है तो कहा है आपकी ED और CBI? राहुल गांधी ने मोदी पर ही नहीं अडानी पर भी निशाना साधा की उनके 16 लाख करोड़ माफ किए क्या तुम लोगो के किसी भी छोटे व्यापारी या कंपनी के एक भी पैसा माफ किया?
ये सब तमाम बाते इस लिए करनी पड़ी क्योंकि ये कुछ संकेत है की चुनाव किस ओर जा रहे है, और आने वाले वक्त में क्या हो सकता है उसकी संभावनाओं पर Top YouTubers क्या चर्चा कर रहे है सुनना महत्वपूर्ण है।
कई बड़े मीडिया चैनल्स YouTube पर उनकी Top Videos Trend करने लगी, की मोदी अगर हारे तो लगा सकते है इमरजेंसी और इसके लिए सभी को त्यार रहना पड़ेगा, जिस तरह ट्रंप ने अमरीका में हारने पर इस तरह की हरकत की, की लोकतंत्र खतरे में आ जाए वैसा ही कुछ भारत में भी घटित होता दिखाई पड़ रहा है, ऐसा बीजेपी के ही कुछ लोग कहने लगे उन सभी YouTube चैनल को सुनना चाहिए की क्या ये सब संभव है?
इन सभी मुद्दों को की क्या संविधान बदलना चाहिए या नहीं क्या आरक्षण रहना चाहिए या नहीं क्या एक पार्टी सिस्टम होना चाहिए या नहीं जानता ही जवाब दे सकती है इस लोक सभा चुनावों में।